अग्रिपा, हेरोद प्रथम (१० ई. पू.-४४ ई.) अरिस्तिबोलुस का पुत्र हेरोद महान् का पौत्र; लगभग १० ई. पू. में पैदा हुआ। उसका वास्तविक नाम मार्कस यूलिअस अग्रिपा था। अपने शैशव और युवा काल में वह रोम के सम्राट तिबेरिअस के दरबार में रहा। वहाँ उसके ऊपर काफी ऋण हो गया तो उसके चाचा ने उसे एगोरानोमस अर्थात् मंडियों का ओवरसियर बनवा दिया और उपहार में उसे बहुत सा द्रव्य दिया। सन् ३७ ई. में रोम के सम्राट केलीगुला ने प्रसन्न होकर उसे बतानी और कोनितिस का शासक बनाया। सन् ४१ ईस्वी में जब क्लादिअस रोम का सम्राट बना तो अग्रिपा हेरोद जूदा का शासक बना दिया गया। यहूदी उसके शासन से बहुत संतुष्ट थे। उसने जुरूसलम की चहारदीवारियों को मजबूत बनाया और अपने सामंत शासकों को अनुशासन में रखा। सन् ४४ ई. में उसकी हत्या कर दी गई। उसकी हत्या के पश्चात् रोम के सम्राट ने जूदा के राजपद को समाप्त कर दिया। (वि. ना. पां.)