अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की स्थापना नई दिल्ली में २ जून, १९५६ को भारत सरकार द्वारा निम्नलिखित उद्देश्यों को लेकर की गई थी

  1. स्नातकपूर्व और स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान शिक्षा की सभी शाखाओं में अध्यापन के ऐसे आदर्शों को विकसित करना जिससे वे भारतवर्ष के लिए आयुर्विज्ञान शिक्षा के उच्च स्तर का प्रदर्शन कर सकें।
  1. स्वास्थ्य प्रक्रिया की सभी महत्वपूर्ण शाखाओं में कर्मचारियों के उच्चतम प्रशिक्षणों के लिए एक ही स्थान पर सभी शिक्षण सुविधाओं को उपलब्ध, करना तथा
  1. स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान शिक्षा में आत्मनिर्भरता प्राप्त करना।

इन उद्देश्यों को पूरा करने के लिए इस संस्थान द्वारा जो महत्वपूर्ण कार्य किए गए हैं उनमें से कुष्ठ, सिरोसिस, कैंसर जैसे रोगों पर किए गए कार्य विशेष उल्लेखनीय हैं जिनके कारण देश-विदेश में इस संस्थान की विशेष प्रसिद्धि हुई है। इस संस्थान में इन रोगों की चिकित्सा के लिए बहुत दूर-दूर से रोगी आते हैं।

(नि. सिं.)