अकादमी, रायल लंदन की द रॉयल अॅकैडमी ऑव आर्ट्स जार्ज तृतीय के राजाश्रय में सन् १७६८ में स्थापित हुई। इसके द्वारा समकालीन चित्रकारों की

कलाकृतियों की प्रदर्शनियाँ प्रति वर्ष की जाती हैं। ललित कला का एक विद्यालय भी २ जनवरी, १७६८ को इस संस्था द्वारा स्थापित किया गया। पहली बार महिला छात्राएँ १८६० में भरती की गईं। उनके द्वारा चित्रकला, शिल्पकला और स्थापत्य की उन्नति इस संस्था का प्रधान उद्देश्य था। पहली चित्रकला की प्रदर्शनी २६ अप्रैल, १७६८ को हुई। सर जाशुआ रेनॉल्ड्स इसके १७६८ से १७९२ ई. तक प्रथम अध्यक्ष (प्रेसिडेंट) थे। आजकल १९४४ से कर अल्फ्रडे मनिंग्ज़ प्रेसिडेंट हैं। इस संस्था में ११,००० ग्रंथों का संग्रहालय है। इनमें कई ग्रंथ बहुत दुर्लभ हैं। इस संस्था द्वारा कई ट्रस्ट फंड चलाए जाते हैं, यथा दि टर्नर फंड, दि क्रेस्विक फंड, लैंडसियर फंड, आर्मिटेज फंड, एडवर्ड स्काट फंड। पहले यह संस्था सामरसेट हाउस में थी, बाद में नेशनल गैलरी में और अब १८६९ ई. से वार्लिंग्टन हाउस में है। इस अकादमी के सदस्यों की संख्या चालीस होती है। अकादमी द्वारा कष्टपीड़ित कलाकारों को आर्थिक सहायता भी दी जाती है।

(प्र. मा.)