अंबाला भारत के हरियाणा राज्य का एक जिला तथा उसके प्रधान नगर का नाम है। अंबाला जिला अक्षांश २९° ४९¢ उ. से ३१° १२¢ उ. क्षक तथा देशांतर ७६° २२¢ पू. से ७७° ३९¢ पू. तक स्थित है। इसका क्षेत्रफल लगभग ३८३३ वर्ग कि. मी. है। इसके उत्तर-पूर्व में हिमालय, उत्तर में सतलज नदी, पश्चिम में पटियाला और लुधियाना जिले तथा दक्षिण में करनाल जिला और यमुना नदी है।
अंबाला नगर समुद्र तट से १,०४० फुट की ऊँचाई पर, एक खुले मैदान में, घग्घर नदी से तीन मील दूर, अक्षांश ३०° २१¢ २५² उ., देशांतर ७६° ५२¢ १४² पू. पर, स्थित है। यह शहर लगभग १४वीं शताब्दी में अंबा राजपूतों द्वारा बसाया गया था। अंग्रेजी अधिकार के पहले इसका कोई विशेष महत्व नहीं था। १८२३ में राजा गुरुवंशसिंह की पत्नी दयाकौर के देहांत के बाद यह नगर अंग्रेजों के कब्जे में आया तथा सतलुज के उस पार वाले राज्य का प्रबंध करने के लिए पोलिटिकल एजेंट की नियुक्ति हुई। सन् १८४३ में नगर के दक्षिण की ओर सैनिक छावनी बनी और १८९९ में, जब पंजाब अंग्रेज़ों के राज्य में सम्मिलित हो गया, यह जिले का केंद्रीय नगर बना।
आधुनिक अंबाला नए तथा पुराने दो भागों में बँटा है। पुराने भाग के रास्ते बहुत ही पतले, टेढ़े-मेढ़े और अंधकारमय हैं। नया भाग सैनिक छावनी का आसपास विकसित हुआ है। इसकी सड़कें चौड़ी तथा स्वच्छ हैं और मकान भी अच्छे ढंग से बने हैं।
व्यापार की दृष्टि से अंबाला की स्थिति महत्वपूर्ण है। इसके एक ओर यमुना और दूसरी ओर सतलुज बहती है। पंजाब के दिल्ली जाने वाले रेलमार्ग यहाँ से होकर जाते हैं और ग्रैंड ट्रंक रोड भी इस नगर से होकर जाती है। भारत सरकार की ग्रीष्मकालीन राजधानी शिमला के पास होने के कारण इसका महत्व और भी बढ़ गया है। शिमला पहाड़ यहाँ से ८० मील दूर है। पहाड़ी अंचल के लिए यह एक प्रधान व्यवसाय केंद्र है। इस जिले में उत्पन्न अनाजों के व्यवसाय के लिए यहाँ एक बड़ा बाजार है। यहाँ रुई, मसाले तथा इमारती लकड़ी का व्यवसाय होता है। उद्योगों में डेयरी उद्योग, आटा पीसना, खाद्य पदार्थ तैयार करना, वस्त्रों की सिलाई और लकड़ी तथा बाँस की वस्तुएँ बनाना उल्लेखनीय हैं। इनके अतिरिक्त काँच, वैज्ञानिक यंत्र तथा कलपुर्जे तैयार करने के कुछ कारखाने भी हैं। कालीन बनाना यहाँ का प्रधान उद्योग है और यह पर्याप्त मात्रा में बाहर भेजा जाता है। (वि. मु.)