अंतर्वेशन (इंटरपोलेशन) का अर्थ है किसी गणितीय सारणी में दिए हुए मानों के बीच वाले मानों को ज्ञात करना। अंग्रेजी शब्द इंटरपोलेशन का शाब्दिक अर्थ है बीच में शब्द बढ़ाना।
मान लीजिए, निम्नलिखित सारणी दी हुई है:
य लघु य य लघु य
७.० ०.८४५०९८ ७.४ ०.८६९२३२
७.१ ०.८५१२५८ ७.५ ०.८७५०६१
७.२ ०.८५७३३२ ७.६ ०.८८०८१४
७.३ ०.८६३३२३ ७.७ ०.८८६४९१
प्रश्न यह है कि य के सारणीबद्ध मानों के बीच के किसी मान के लिए (जैसे य = ७.१५२ के लिए)लघु य का मान किस प्रकार निकाला जाय। इस प्रश्न का उत्तर अंतर्वेशन सिद्धांत द्वारा मिलता है। अंतर्वेशन के विकसित सिद्धांत से किसी सारणी द्वारा निर्दिष्ट फलन का अवकल गुणक (डिफ़रेंशियल कोइफ़िशेंट) अथवा दो सीमाओं के बीच का अनुकल (इनटेग्रल) निकालना भी संभव है।अंतर्वेशन के लिए एक महत्वपूर्ण सूत्र यह है:
र= फ (क)+ य अ फ (क)+ य (य- १) अंक (क)+ ...
य(य- १)...(य- स+ १) अ फ (क)
स!
जिसमें अ फ (क)= फ (क+ कि) - फ (क) प्रथम अंतर है, अ२ फ (क)=
अ फ (क+ कि) - अ फ (क) द्वितीय अंतर है. . .।
इस सूत्र को ग्रेगरी-न्यूटन-सूत्र कहते हैं।
अंतर्वेशन का एक अन्य महत्वपूर्ण सूत्र लैग्रांज सूत्र है:
फ (क) (य- क,) (य- क२) ... (य- कस)
(क- क१) (क०- क२) ... (क०- कस)
फ (क१) (य- क०) (य- क२) ... (य- कस)
(क१- क२) (क१- क२) ... (क- कस)
फ (क०) (य- क०) (य- क१) ... (य- कस-१)
(कस- क०) (कस- क१) ... (यस- कस-१)
स्पष्ट है कि इस सूत्र में फ (य) घात अ के बहुपद से निरूपित है जिसके मान य क०, क२,...कस के लिए क्रमश फ (क०) फ (क१),...फ (कस) है:
एक प्रकार का प्रश्न यह है
मान लीजिए निम्नलिखित सारणी दी है
य १४ १७ ३१ ३५
फ (य) ६८.७ ६४.० ४४.० ३९.१
यदि य २७ तो फ (य) का मान निकालो।
उत्तर फ (२७) बराबर लगभग ४९.३१७।
सं. ग्रं.- व्हिटकर और राबिन्सन कैलक्युलस ऑव आबज़र्वेशन्स। (ना. गो. श.)