अंतरिक्ष
अनुसंधान समिति
की स्थापना १९६२ ई.
में भारत सरकार
के परमाणु ऊर्जा
विभाग के तत्वावधान
में हुई। इसके लिए
केरल में थुंबा
नामक स्थान पर
विषुवतरेखीय
राकेट केंद्र स्थापित
किया गया। थुंबा
पृथ्वी की उसी चुंबकीय
विषुवत रेखा
पर स्थित है जिस
पर केरल राज्य
को राजधानी
त्रिवेंद्रम है। अत
पृथ्वी के विषुवतरेखीय
तल में स्थित ऊर्ध्वाकाश
के विद्युत स्तरों
की गतिविधियों
का राकेट द्वारा
अध्ययन करने के
लिए यह उपयुक्त केंद्र
है। इस अंतरिक्ष
अनुसंधान समिति
को अमेरिका,
फ्रांस, रूस तथा
जापान के वैज्ञानिकों
का सहयोग प्राप्त
है।
उक्त समिति ने अपने कार्यक्रमों में संचार उपग्रह संबंधी तकनीकी जानकारी प्राप्त करने वाले प्रयोगों और परीक्षणों को भी सम्मिलित किया है और अहमदाबाद में एक उपग्रह संचार स्टेशन की स्थापना की है। इसके लिए इस समिति को संयुक्त राष्ट्र संघ से सहायता मिली है।
अंतरिक्ष अनुसंधान के रचनात्मक पहलुओं को व्यावहारिक रूप देने के लिए इस समिति के थुंबा केंद्र से प्रथम अनुसंधान राकेट २१ नवंबर, १९६३ को छोड़ा गया था जिसने वायुमंडल के संबंध में कुछ महत्वपूर्ण सूचनाएँ भेजीं।
१९६४-६५ में कई ऋतु अनुसंधान वाले राकेट थुंबा केंद्र से छोड़े गए। यह कार्यक्रम अंतरराष्ट्रीय शांत-सूर्य-वर्ष योजना का अंग था। भारतीय अनुसंधान कार्यक्रम को संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान का सहयोग प्राप्त है।
अंतरिक्ष अनुसंधान समिति के तत्वावधान में हैदराबाद की भौतिकी प्रयोगशाला में एक उपग्रहीय टेलीमीट्रिक स्टेशन भी स्थापित किया गया जिसमें भू उपग्रह द्वारा प्रसारित किए जाने वाले रेडियो संकेत नियमित रूप से अभिग्राही (रिसीवर) यंत्र पर ग्रहण किए जाते हैं। यह केंद्र बादलों के निर्माण, तूफान की उत्पत्ति तथा ऊर्ध्वाकाश की हवाओं के प्रवाह के वेग आदि विषयों पर अनुसंधान करता है। (नि. सिं.)