वालपोल, हरोशियो (१७१७-१७९७ ई.) आंग्ल राजनीतिज्ञ एवं साहित्यकार वालपोल का जन्म २४ सितंबर, १७१७ को लंदन में हुआ। इनकी शिक्षा ईटल और किंग्स कालेज, केंब्रिज में हुई। यहाँ पर इनकी मित्रता भावी साहित्यकार टामस ग्रे, रिचार्ड वेस्ट, टामस स्टर्न हेनरी, सैमूर कांन के और जार्ज आगस्टस सिलविन से हुई। ये मई, १७४१ में संसद् सदस्य निर्वाचित हुए, किंतु राजनीतिक जीवन की सफलता संतोषजनक न होने से इन्होंने संसद् से अवकाश ग्रहण कर लिया। अपने पिता के प्रभाव से इन्हें सरकारी नौकरी गई, जहाँ पर इन्होंने १७४५ से १७८४ तक कार्य किया। १७४७ में इन्होंने टामस नदी के किनारे 'विला ऑव स्टेवैरी हिल' क्रय किया, और यहाँ पर एक मुद्रणालय स्थापित किया, जिसका नाम ''अफीसीना आरब्बटीयना'' रखा। इस मुद्रणालय से इनकी बहुत सी रचनाओं के प्रथम संस्करण प्रकाशित हुए। यह आजीवन गठिया के रोग से पीड़ित रहे। २ मार्च, १७९७ को ये अविवाहित ही स्वर्गगामी हुए। इनकी प्रमुख रचनाएँ इस प्रकार हैं :
''कांसिल ऑव आंटरांटो'' (१७६४) एक प्रकार का रोमांचकारी उपन्यास है। ''हिस्टोरिक डाउट औन दी लाइफ ऐंड रेन ऑव किंग रिचर्ड दी थर्ड'' (१७६०) इनकी पहली कृति है, जिसमें अनुसंधान और ऐतिहासिक तथ्यों द्वारा राजा रिचार्ड के कुख्यात चरित्र को ठीक ठीक समझाया गया है। ''दी मिस्टीरियस मदर'' (१७६८) इनका दु:खांत उपन्यास है। ''एनैक्डोट्स ऑव पेंटिंग इन इंगलैंड'' (१७६२ से ७१ तक) आंग्ल चित्रकला की अभूतपूर्व पुस्तक है। ये अपनी दैनिकी में आंग्ल राजनीति की मुख्य घटनाएँ लिखा करते थे। उनका इनकी मृत्यु के पश्चात् संपादन हुआ। ये पत्रों के कुशल लेखक थे। इनकी गणना आंग्ल भाषा के स्वतंत्र पत्रलेखकों में होती है। (गिरिराज कािशेर गहराना)