वार्ले जान (Varley John) अंग्रेज चित्रकार जिसे जलीय चित्रण (Water painting) में दक्षता प्राप्त थी। इस जन्म लंदन के हैकनी नामक स्थान में १७ अगस्त, १७७८ को हुआ। बाल्यावस्था से ही इसकी अभिरुचि कला के प्रति थी लेकिन इसे अपने पिता से प्रोत्साहन कभी नहीं मिला, उलटे वे उसे हतोत्साह ही करते रहे। परिणामस्वरूप पिता ने इसे एक चाँदी का काम करनेवाले कलाकार के यहाँ रख दिया लेकिन इस व्यवसाय में रुचि न होने के कारण वह वहाँ सफल नहीं हो सका। पिता की मृत्यु के पश्चात् इसने क्षेत्रपरिवर्तन किया और एक स्थपात्य कला के विशेषज्ञ के साथ कार्य करना प्रारंभ कर दिया। वार्ले ने अनेक नगरों का भ्रमण किया और उनके भवनों का खाका भी तैयार किया। इसकी विशेष अभिरुचि चित्रकला के प्रति थी। अत: अवकाश के क्षणों में प्राकृतिक दृश्यों के रेखाचित्र बनाए। डॉ. मुनरो के घर पर प्रत्येक सायंकाल का उपयोग लोहे के खराद के काम में करता था। १७९८ में इसकी पहली रचना 'पीटर ब्रोचर्च का दृश्य' का प्रदर्शन रायल अकादमी में हुआ। १८०४ में वह जलरंग चित्रकारों की रायल सोसाइटी का सदस्य बना तथा चालीस से अधिक चित्रों को इसकी प्रदर्शनी के निमित्त प्रदान किया। लंदन नगर में १७ नंवबर, १८४२ को इसकी इहलीला समाप्त हो गई। (गुरुदेव त्रिपाठी)