व्ह्रवेश या अग्निवेश आयुर्वेदाचार्य जिन्होंने अग्निवेशतंत्र संहिता की रचनाकी। अग्निवेश पुनर्वसु आत्रेय के सबसे अधिक प्रतिभाशाली शिष्य थे। इनके अन्य सहपाठी भेल, जतूकर्ण, पराशर, क्षीरपाणि एवं हारीत थे। अग्निवेशतंत्र संहिता का ही प्रतिसंस्कार चरक ने किया तथा उसका नाम चरक संहिता पड़ा। अग्निवेश के नाम से नाड़ी परीक्षा तथा हस्तिशास्त्र भी प्रसिद्ध हैं। इनके लिए व्ह्रवेश (चरकसू.-१३।३), हुतावेश (चरक सू. १७।१५) नाम भी आते हैं। व्ह्रवेश का समय वही है जो पुनर्वसु आत्रेय (७०० ई. पू.) का है। अग्निवेश का नाम उपनिषद् (बृहदा २।६।२-३) में भी आता है। ((स्व.) अत्रिदेव विद्यालंकार)