अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ की स्थापना १९३२ ई. में मैड्रिड सम्मेलन में उस समय हुई जब १८६५ ई. के दौरान पेरिस में स्थापित अंतरराष्ट्रीय तारप्रेषण संघ और १९०६ के दौरान बर्लिन में स्थापित अंतरराष्ट्रीय रेडियो तारप्रेषण संघ का परस्पर विलय हो गया। लेकिन उक्त संघ का कार्य सही अर्थों में १ जनवरी, १९३४ ई. से ही प्रारंभ हुआ। २ अक्टूबर, १९४७ ई. के दिन आयोजित संघ के अधिवेशन में इसका पुनर्गठन हुआ और १ जनवरी, १९४९ ई. से नवगठित अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ ने विधिवत् अना कार्य शुरू कर दिया।

उक्त संघ के कार्य हैं-

  1. रेडियो आवृत्तियों (फ्रक्वेंसीज़) को निश्चित करना तथा निर्दिष्ट रेडियो आवृत्तियों का आलेखन करना।
  2. सुचारू सेवा के साथ-साथ दूरसंचार की यथासंभव न्यूनतम दरें बनाए रखने की कोशिश करना और दूरसंचार संघ के आर्थिक प्रशासन को स्वतंत्र एवं सुस्पष्ट आधार प्रदान करना।
  3. दूरसंचार के दौरान जीवन को किसी प्रकार से क्षति न पहुँचे, इस दृष्टि से विभिन्न उपाय खोजना तथा उन उपायों को लागू करने के उपरांत
  4. उनका विस्तार करना।

  5. दूरसंचार प्रणाली संबंधी विभिन्न अध्ययन करके उपयुक्त सिफारिशें करना तथा इससे संबंधित विभिन्न सूचनाओं को इकट्ठा करके प्रकाशित

करना ताकि सदस्य देश उक्त सूचनाओं से लाभ उठा सकें।

गठनअंतरराष्ट्रीय दूरसंचार के अंतर्गत कई इकाइयाँ हैं, यथा- सदस्य राष्ट्रों के पूर्णाधिकार प्राप्त दूतों की परिषद; प्रशासन की देखभाल करने वाली परिषद; २५ सदस्यों की एक प्रशासनिक परिषद; महासचिवालय; अंतरराष्ट्रीय आवृत्ति आलेखन बोर्ड तथा रेडियो, दूरभाष एवं तारप्रेषण से संबद्ध तीन अंतरर्राष्ट्रीय परामर्शदात्री समितियाँ।

सन् १९७१ ई. का संघ का बजट ८२ लाख डालर था। इसके उप महासचिव ट्यूनिशिया के मुहम्मद मिली हैं और इसके मुख्यालय का पता है-प्लेस डेस नेशंस, जेनेवा, स्विट्जरलैंड। (कै. चं. श.)