लेली, सर, पीटर (१६१८-१६८०) इंग्लैंड का दरबारी चित्रकार; जन्म सन् १६१८ में यूट्रेक्ट के सोयस्ट नामक स्थान पर हुआ था। लेली के पिता का जन्म एक इत्र की दुकान में हुआ था जहाँ लिली की खुशबू उड़ा करती थी। इनके पिता अपने नाम के आगे लेली (लिली) जोड़ा करते थे। इसी से पीटर भी आगे चलकर सर पीटर लेली कहलाया। पिता से ज्यादा सार्थक नाम पीटर का हुआ, क्योंकि उसने जीवन भर लिली की तरह सुंदर, सुगंधित नवयुवतियों के चित्र बनाए। वास्तव में पीटर स्त्रियों का चित्रकार ही कहलाता है।
पीटर लेली ने अपने कलाशिक्षा फ्रांज द ग्रेबर से हार्लम में पाई। १६४१ में वह इंग्लैंड चला आया। वान डाइक की कला से वह बहुत प्रभावित था और उसी ढंग पर चित्र बनाता था। यह इंग्लैंड में ही बस गया और बाद में उसकी इतनी प्रसिद्धि हुई कि किंग चार्ल्स प्रथम ने उसे अपने दरबार का कलाकार नियुक्त किया। उसके चित्रों से क्रामवेल और चार्ल्स द्वितीय भी बड़े प्रभावित थे। सन् १६८० में जब वह डचेज़ ऑव सामरसेट का चित्र बना रहा था, वह अपाप्लेक्सी रोग से पीड़ित होकर मर गया। 'नेल ग्वाइन' उसका एक विख्यात चित्र है।
(रामचंद्र शुक्ल)