लीबरमान माक्स (१८४७-१९३५) जर्मन चित्रकार और खुदाई कला का यह कारीगर बर्लिन में ही रहता था। स्टेप्फेड का वह शिष्य था। विमर के स्कूल ऑव आर्ट में १८६८ ई. तक उसने अध्ययन किया। सन् १८७३ से १८७८ में उसने प्रभाववादी दृष्टि अपनी कृतियों में अपनाई थी। इसके बनाए गए विल्स के ग्रामीण दृश्यों, हॉलैंड के खेतों और जर्मनी के कारखानों के दृश्य के चित्रों पर जे. इजरायल्स के चित्रों का प्रभाव लगता है। 'सन बुनकर', 'स्त्री और बकरियाँ', 'वृद्ध का आश्रयस्थान' आदि कृतियाँ प्रसिद्ध है। इसके कुछ चित्र बर्लिन नेशनल आर्ट गैलरी में रखे हैं। (भाऊ समर्थ)