लीना नदी एशिया में बैकाल पर्वत से निकलकर साइबीरिया के पूर्वी भाग में बहकर उत्तरी हिम महासागर की एक सँकरी खाड़ी में गिरती है। अगल बगल से इसमें आकर मिलनेवाली कई सहायक नदियों सहित इसकी जलप्रवाह प्रणाली द्रुमाकृतिक है। यह वर्ष में सात आठ महीने जमी रहती है और वसंत ऋतु में पिघलती है, परंतु इसका मुहाना उस समय भी हिमाच्छादित रहता है। फलस्वरूप जल मैदानों में फैल जाता है, जिससे दलदल बन जाते हैं। (राम सहाय खरे.)