लीओपोल्ड, इन्फेल्ड (Leopoid Infeld) पोलैंडवासी भौतिकीविद् थे, जिन्होंने सन् १९२१ में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त करने के पश्चात् माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक के पद से आजीविका आरंभ की और लगभग ४० वर्ष की आयु हो जाने पर मुक्त रूप से वैज्ञानिक अनुसंधान प्रारंभ किया।

अन्य वैज्ञानिकों के अतिरिक्त डा. इन्फेल्ड ने महान् जर्मन भौतिकीविद्, मैक्स बॉर्न, के साथ काम किया, जिसके फलस्वरूप विद्युतगतिकी संबंधी बॉर्न-इन्फेल्ड सिद्धांत का जन्म हुआ। सन् १९३७ से १९५८ तक इन्फेल्ड पिंसटन में थे, जहाँ वे आधुनिक काल के संभवत: सबसे महान् वैज्ञानिक आइंस्टाइन के साथ काम करते रहे। सन् १९३८ में आइंस्टाइन-इन्फेल्ड-हॉफमैन लेख प्रकाशित हुआ, जिसमें परस्पर गुरुत्वाकर्षण से प्रभावित पिंडों की प्रणाली के गतिसमीकरणों का विकास किया गया है। आइंस्टाइन तथा इन्फेल्ड ने मिलकर एक अन्य पुस्तक 'भौतिकी का विकास' भी लिखी है। सन् १९५० में वरसॉ वापस आने पर, आपने 'सैद्धांतिक भौतिकी का केंद्र' की स्थापना की, जिसमें इनके सिवाय प्रोफेसर बायलोब्रेस्की (Bialobrzeski) तथा रुबिनोविक्ज़ (Rubinowicz) भी काम करते थे।

डा. इन्फेल्ड ने १०० से अधिक वैज्ञानिक ग्रंथ लिखे। जनसुगम विज्ञान पर भी आपने बहुत कुछ लिखा है।

१५ जनवरी, १९६८ को आपकी मृत्यु से पोलैंड में विज्ञान की प्रगति को बड़ा धक्का लगा है। (भगवानदास वर्मा)