लीओपोल्ड द्वितीय (१८३५-१९०९), बेल्जियम के राजा का जन्म ९ अप्रैल, १८३५ को ब्रुसेल्स में हुआ। वह लीओपोल्ड प्रथम का पुत्र था। उसने युवराज बनते ही एशिया माइनर, मिस्र, पूर्वी द्वीपसमूह तथा चीन की यात्राएँ कीं। उसका विवाह ऑस्ट्रिया की राजकुमारी से हुआ १८६५ में राजा बनते ही उसने राजनीतिक दलों के संघर्षों को कम करने का प्रयत्न किया। देश की सुरक्षा के लिए लीओपोल्ड ने सैनिक शक्ति बढ़ाई। फ्रांस और प्रशा के युद्ध के समय (१८७०-७२) उसने तटस्थता की नीति अपनाई।
उसके राज्यकाल में (१८८४ से १९१४ तक) कैथलिक दल की सरकार रही। इसने धार्मिक शिक्षा पर जोर दिया और प्राइमरी शिक्षा का बहुत प्रसार किया। अधिक व्यक्तियों को मतदान का अधिकार मिला। १८९० ई. के पश्चात् सामाजिक सुधार करने के लिए भी कुछ कानून बनाए गए।
लीओपोल्ड द्वितीय के समय में हेनरी स्टेनले ने उससे कहा कि कांगो में रबड़ के पेड़ों से बहुत आय हो सकती है। इससे आकर्षित होकर १८७६ ई. में उसने एक निजी कंपनी बनाई जिसने कांगो के सरदारों से कौड़ियों में सारी जमीन खरीद ली। जब इस कंपनी ने वहाँ के निवासियों पर बहुत अत्याचार किए तो १९०८ ई. में लीओपोल्ड ने कांगो को बेल्जियम की सरकार को दे दिया जिससे कांगो के निवासियों की दशा सुधारी जा सके।
इस उपनिवेश के कारण बेल्जियम को बहुत आर्थिक लाभ हुआ। नए नगरों का निर्माण हुआ किंतु वह अधिक लोकप्रिय राजा न बन सका। उसकी मृत्यु १७ दिसंबर, १९०९ को हुई। (ओंमप्रकाश )