लिनीअस कारोलस (Linneaus, Carolus, सन् १७०७-८७) स्वीड (Swed) वनस्पतिज्ञ का जन्म राशल्ट (Rashult) नामक स्थान में हुआ था। इन्होंने चिकित्सा शास्त्र का अध्ययन लंद (Lund) तथा अपसाला (Upsala) विश्वविद्यालयों में किया था। अपसाला में में ही सहायक प्रोफेसर नियुक्त हुए और सन् १७४२ में प्रोफेसर हो गए।

इन्होंने लंबी यात्राएँ की तथा अनेक और विविध वनस्पतियों के नमूने स्वयं एकत्रित किए तथा अपने शिष्यों द्वारा करवाए। इन्होंने पौधों के वर्गीकरण की एक पद्धति निकाली, वनस्पतियों के यथार्थ वर्णन की रीति में सुधार किया तथा द्विपद नामपद्धति के उपयोग को साधारण बना दिया। इनका प्रमुख कार्य वर्गीकर्ता का था।

सन् १७५७ में आपको कार्ल फॉन लिने के नाम से अभिजात्य वर्ग में गिने जाने का राज्याधिकार पत्र प्रदान किया गया। आपने लगभग १८० ग्रंथ लिखे, जिनमें से अनेक इनके जीवनकाल में तथा कुछ बाद में प्रकाशित हुए। (भगवानदास वर्मा)