लाग्रांज, जोसेफ लुई (Lagrange, Joseph Louis, १७३६ ई. - १८१३ ई.) फ्रांसीसी गणितज्ञ का जन्म २५ जनवरी, १७३६ ई. को ट्यूरिन में हुआ। १७ वर्ष की अल्पायु में ये राजकीय सैनिक अकादमी में गणित के प्रोफेसर नियुक्त हुए। गणित एवं खगोल शास्त्र को इनकी देन अपूर्व है। खगोल शास्त्र में इन्होंने 'चंद्र-मुक्ति-सिद्धांत' तथा 'बृहस्पति के चार उपग्रह संबंधी सिद्धांत' की व्याख्या पर अनेक अन्वेषण किए। १७६६ ई. में ये बर्लिन में गणित के प्रोफेसर नियुक्त हुए। तदुपरांत लाग्रांज ने समीकरणों एवं संख्याओं के सिद्धांतों पर अनेक खोजें कीं और द्विघातीय अनिर्णीत समीकरण का हल दिया (जो हिंदू गणितज्ञों के ही अनुरूप था), तृतीय वर्ण के सारणिकों का सूची स्तंभ संबंधी अन्वेषणों में खूब प्रयोग किया और विचरण करलन (जिसके आविष्कार का श्रेय आयलर के साथ इनको भी है) की सहायता से काल्पनिक-वेग-सिद्धांत से यंत्रविज्ञान की संपूर्ण पद्धतियों का निगमन किया। इनके अतिरिक्त इन्होंने संभाव्यता, परिमित अंतर, आरोह सितत भिन्नों और दीर्घवृत्तीय समकलों पर भी अनेक अन्वेषण किए। इनके प्रसिद्ध ग्रंथ 'मेकानिक अनालितिक' (Mecanique Analytique, १७८८ ई.), 'थेओरी दे फॉवस्योजनालितिक' (Theoric des fonctions analytiques, १७९७ ई.), 'लसों स्यूर न काल्क्युल दे फौंक्स्यों' (Lecons sur lecalcul des fonctions, १८०१ ई.), रेजोल्यूस्यो देजोक्वास्यों न्यूमेरिक (Resolution des equations numeriques, १७९८ ई.) और 'नूवैल मेथौद पूर रेज़ूद्र लेजाक्वस्यों लितेराल पार ल मुअइयें द सेरि' (Nouvelle methode pour resoudre les equations litterales par le moyen des series, १७७० ई.) है। १० अप्रैल, १८१३ ई. को पैरिस में इनका देहांत हो गया।

सं.ग्रं. - सेर एव दार्बु : आय्व्रा दे लाग्रांज, १४ वाँ खंड (१८६७-९२)। (रामकुमार )