लाइपनिट्स, गॉटफ्रीड विल्हेल्म (Leibniz, Gottfried Wilhelm, १६४६ ई. - १७१६ ई.) जर्मन गणितज्ञ का जन्म १ जुलाई, १६४६ ई. को लाइपसिग में हुआ। पंद्रह वर्ष की आयु में इन्होंने लाइपसिग विश्वविद्यालय में प्रवेश किया। यहाँ इनका मुख्य अध्ययन विषय धर्मशास्त्र था, परंतु अपने परिश्रम से गणित में भी इन्होंने पर्याप्त योग्यता प्राप्त कर ली। २९ अक्टूबर, १६७५ ई. को लिखित इनकी क्षेत्रकलन से संबंधित एक हस्तलिपि में समाकलन गणित (integral calculus) के संकेत और अवकलन गणित (differential calculus) की चर्चा की गई है। तदुपरांत 'स्पर्श रेखाओं' के 'व्युत्क्रम निर्मेयो' के हल करने में इस कलन का प्रयोग इन्होंने सफलतापूर्वक किया। १६८४ ई. में सर्वप्रथम इनका अवकलन गणित पर केवल ६ पृष्ठों का एक महत्वपूर्ण शोधपत्र 'आक्टा एसदितोरुम' में प्रकाशित हुआ, जिसमें इन्होंने कलन के सकेत एवं बिना प्रमाण के नियम दिए थे। तदुपरांत इन्होंने लघुगणकीय अवकलन का अध्ययन किया और कलन में चल परामिति और आंशिक भिन्नों का प्रयोग किया। इनके अतिरिक्त इन्होंने 'अपूर्व लब्धफल' का प्रथम उदाहरण दिया, 'अन्वोलोप के सिद्धांत' की नींव डाली और आश्लेषक वक्रों पर लिखा। किसी चलराशि के दो फलनों के गुणनफल का नवाँ अवकल गुणक ज्ञात करने का इनका प्रमेय अत्यंत प्रसिद्ध है। गणित की संकेतलिपि को भी इनकी कुछ देन है। इन्होंने ही अवकल गणित एवं समाकलन गणित की संकेतलिपि प्रदान की। अनुपातों को प्रदर्शित करने के लिए साम्यता के चिह्नों का उपयोग किया और 'समरूप' के लिए चिह्न ~ तथा 'समान और समरूप' के लिए चिह्न ~ का उपयोग किया। १४ नवंबर, १७१६ ई. को इनका देहांत हो गया।श् (रामकुमार )