लज्हाँद्र, आद्रियें मारि (Legendre Adrien Marie, सन् १७५२ से १८३३) फ्रांसीसी गणितज्ञ का जन्म १८ सितम्बर, १७५२ ई. को हुआ था। इन्होंने शिक्षा पैरिस में प्राप्त की। गणित जगत् में इनकी ख्याति दीर्घवृत्तीय समाकलों एवं फलनों, संख्याओं के सिद्धांत, दीर्घवृत्तज एवं उपगोल के आकर्षण और लघुतम वर्ग संबंधित शोधों के कारण है। इनके अतिरिक्त इन्होंने भू-मापन विज्ञान के अनेक सूत्रों एवं प्रमेयों और 'लजाँद्र के फलन' का भी आविष्कार किया। इनकी प्रसिद्ध पुस्तकें 'फौक्स्येजेलिप्तिक' (Fonctions Elliptiques), भाग १ और २, (१८२५ ई., १८२६ ई.), 'काल्क्यलैतेग्राल' (Calcul Integral), भाग १, २ और ३ (१८११, १६, १७), 'थेओरि दे न्व्रौा' (Theorie des Nombres, सन् १८३०) और 'एलेमां द जेओमेत्रि' (Elements de Geometrie, सन् १७९४) हैं। १० जनवरी, १८३३ ई. को पैरिस में इनकी मृत्यु हो गई। (रामकुमार )