लखनऊ १. जिला, यह भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का जिला है, जिसका क्षेत्रफल ९७७ वर्ग मील (१९६१) है। इसके उत्तर में बाराबंकी एवं सीतापुर, पश्चिम में हरदोई, दक्षिण में उन्नाव तथा पूर्व में रायबरेली एवं सीतापुर, दक्षिण में उन्नाव जिले स्थित हैं। गोमती नदी जिले के बीच से होकर बहती है। सघन ग्रामों से युक्त इस जिले की मिट्टी उर्वर है। कृषि की दृष्टि से भी यह महत्वपूर्ण जिला है। उर्वर मिट्टी के साथ यहाँ रेतीली भूमि की टुकड़ियाँ तथा रेहयुक्त ऊसर भी मिलते हैं। भूमि की ढाल लगभग नहीं के बराबर है। उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पूर्व की ओर एक फुट प्रति मील की ढाल है। सई नदी भी जिले से होकर बहती है। गेहूँ, जौ, तिलहन, ज्वार, बाजरा, चरी (sorghum) एवं गन्ना प्रमुख उपजें हैं।
२. नगर, स्थिति : २६°५५¢ उ.अ. तथा ८०°५९¢ पू.दे.। लखनऊ जिले में, गोमती नदी के किनारे पर यह प्रसिद्ध नगर स्थित है। यह नगर उत्तर प्रदेश राज्य की राजधानी है तथा भूतपूर्व अवध राज्य (सन् १७७५ से १८५६) की राजधानी था। यह नगर कानपुर से लगभग ४२ मील दूर स्थित है। यहाँ का विश्वविद्यालय, इमामबाड़ा, छतरमंजिल, नासिरुद्दीन की वेधशाला, जामा मस्जिद, वाजिदअली शाह का महल (कैसर बाग) आदि दर्शनीय भवन हैं। इमामबाड़ा यहाँ का एक सुप्रसिद्ध भवन है, जिसका एक कमरा विश्व के बड़े बड़े कमरों में से एक है। इस कमरे का क्षेत्रफल १६२´५४ फुट है। यह भवन सन् १७८४ में नवाब आसफुद्दीन ने अकालपीड़ित लोगों की रक्षा करने के लिए बनवाया था। सन् १८१४ में गाज़ीउद्दीन हैदर की पत्नी ने छतर मंजिल नामक भवन बनवाया था। यहाँ सेना की छावनी भी है। केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान की भी यहाँ स्थापना की गई है। यहाँ कागज की मिलें, छपाई करनेवाले प्रेस तथा धातु के कारखानें हैं। यहाँ मलमल निर्माण, सोने चाँदी की जरी का काम, कशीदाकारी, ताँबे, एवं पीतल की वस्तुएँ, बरतन तथा चाँदी के आभूषणों का निर्माण होता है। रेलवे वर्कशाप भी यहाँ है। यहाँ एक प्रसिद्ध मेडिकल कालेज हैं, जिसकी इमारत आधुनिक नक्शे की बनी है। यहाँ का विधान-सभा-भवन भी दर्शनीय है।