लक्षदीवी, मिनिकोय और अमीनदीवी द्वीपसमूह अरब सागर में मालाबार समुद्रतट से लगभग २०० मील की दूरी पर, उत्तर दक्षिण फैले हुए, १९ प्रवाली द्वीपों का एक क्रम है, जो भारत के केंद्र प्रशासित राज्यों के अतर्गत आता है। इनका प्रशासन इस समय केरल के कोलिकोड नगर से होता है। ये सब द्वीप लक्षदीवी एवं अमीनदीवी द्वीपसमूहों के अंतर्गत हैं। लक्षदीवी एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ एक लक्ष अथवा एक लाख द्वीपों से है। इन द्वीपों का कुल क्षेत्र ११ वर्ग मील है। इन द्वीपों में से केवल दस ही बसे हुए हैं, अर्थात् लक्षदीवी द्वीपसमूह में : मिनिकोय, कलपेनी, कवराथी, अगाथी तथा अंडरोथ और अमीनदीवी द्वीपसमूह में : अमीनी, कडामथ, किलतान, चेतलत तथा बितरा। प्रवल द्वीपों के मध्य स्थित अनूपों (lagoon) में मछलियों की बहुलता है। औसत वार्षिक वर्षा ५० इंच है।
इन द्वीपों के लगभग सभी निवासी मुसलमान हैं। इनके पूर्वज हिंदू थे, जो ९वीं शताब्दी में केरल के मलावारतट से आकर यहाँ बस गए थे (मिनिकोय द्वीप को छोड़कर) और १३ वीं शताब्दी में अरब के एक पीर द्वारा इस्लाम धर्म में परिवर्तित कर लिए गए। द्वीपसमूहों के रहन सहन का ढंग मलाबार तट के मोपाला लोगों के समान ही है (मिनिकोबवासियों को छोड़कर)। मलयालम बोल चाल की भाषा है। मिनिकोय को छोड़कर, साक्षरता २३.३ प्रतिशत (१९६१) थी।
नारियल एव मछली इन द्वीपों की मुख्य उपज है। कुछ मात्रा में रागी, ज्वार, बाजरा, केला, शाक इत्यादि की उपज भी होती है। भारत के अन्य भागों से आए हुए चावल के स्थान पर यहाँ से नारियल भेजा जाता है। सुगम यातायात की कमी द्वीपों की सबसे बड़ी समस्या है। (राधिका नारायण माथुर)