रोमेल, एर्विन (१८९१-१९४४) द्वितीय महायुद्धकाल में ख्याति प्राप्त करनेवाले जर्मन सेनापति। पिता का नाम भी संयोग से एर्विन रोमेल ही था। इनका जन्म १५ नवंबर को वर्टेवर्ग में हुआ था। अपने परिवार में सैनिक ख्याति प्राप्त करनेवाले एकमात्र रोमेल ही थे। सन् १९१४-१८ के विश्वयुद्ध में उन्होंने अपने असाधारण साहस और युद्धकौशल के कारण राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त किया था। प्रथम महायुद्ध के बाद उन्हें युवकों को सैनिक प्रशिक्षण का कार्य सौंपा गया। द्वितीय महायुद्ध के प्रारंभ में उन्हें हिटलर की व्यक्तिगत सुरक्षा सेना का अधिकारी बनाया गया। इस यद्ध में उन्हें मध्य एशियायी क्षेत्र की कमान सौंपी गई। हिटलर की युद्धनीति से मतभेद होने के कारण रोमेल उक्त क्षेत्र से पीछे हटने को मजबूर हुए। युद्ध में घायल होकर लौटने के बाद हिटलर के षड्यंत्र से रोमेल को आत्महत्या कर लेनी पड़ी। विपक्षियों के मत से नैपोलियन के बाद रोमेल सबसे अधिक विख्यात सेनापति था। (मुद्रा राक्षस)