रेनाल्ड्स, सर जोशुआ (१७२३-१७९२) इंगलैंड का सर्वोत्तम व्यक्ति चित्रकार (पोेट्रेंट पेंटर)। इसने कला के क्षेत्र में इंगलैंड को गर्व करने का अवसर प्रदान किया है। उसे इंगलैंड की रायल अकादमी का सर्वप्रथम होने पर सौभाग्य प्राप्त हुआ। उसी ने सर्वप्रथम रायल अकादमी स्कूलों की नींव डाली। सन् १९६९ में उसे अपने देश का सर्वोत्तम कलाकार होने के नाते 'नाइटहुड' (सर) का सम्मान प्राप्त हुआ। उस समय का शायद ही कोई प्रसिद्ध या प्रतिष्ठित व्यक्ति हो जिसका उसे स्टूडियो में पदार्पण न हुआ हो। वहाँ जानेवालों में लार्ड्स, राजकीय उच्च अफसर, राजपरिवार के लोग, कलाकार, साहित्यकार तथा राजनीतिक सामाजिक नेता, सभी थे। गैरिक एडमंड बर्क तथा डा. जान्सन, रिचर्डसन तथा स्मोलेट ने अनेक स्थलों पर कलाकार रेनाल्ड्स की भूरि भूरि प्रशंसा की है।

रेनाल्ड्स के व्यक्तिचित्रों की सबसे बड़ी विशेषता है भव्यता। जिस पात्र को भी उसने व्यक्तिचित्र बनाने के लिए चुना वह जब उसकी तूलिका के द्वारा रंगों की भाषा में कैनवस पर मुखरित हुआ, तो ऐसा लग जैसे उसे किसी महान् कलाकार की जादूगरी उँगलियों ने महानता प्रदान कर दी। सचमुच रेनाल्डस ने जिन जिन व्यक्तियों को अपने कैनवस पर उतारा वे रंगों की भव्यता पाकर अमर हो पाए हैं। यही कारण था कि अपना व्यक्तिचित्र बनवानेवालों का उसके स्टूडियों के सामने ताँता लगा रहता था।

रेनाल्ड्स के बनाए व्यक्तिचित्रों में आलोचकों की दृष्टि में सबसे अच्छे चित्र है नेल्ली ओद्रियाँ (Nellie O' Brien) डचेस ऑव डेवानशायर (Duchess of Devonshire) डायना, वाइकांउटेस क्रास्बी (Diana, Viscountess Crosbic) हेड्स ऑव एँजेल्स (Heads of Angels), द एज ऑव इनासेन्स (The Age of Innocence)

लारेंस स्टर्न (Laurence Sterne) तथा मिसेज सीडोंस ऐज द ट्रेजिक म्यूज (Mrs. Siddons As the Tragic Muse) 'नेल्ली ओद्रियाँ' व्यक्तिचित्रण की दृष्टि से रेनाल्डस का सर्वोत्तम चित्र है। यह चित्र उसने सन् १७६३ में बनाया था। १८८२ में बर्लिग्गटन हाउस में पुराने कलाकरों की एक प्रदर्शनी में यह चित्र सबसे अधिक चर्चा का विषय बना रहा क्योंकि वह उतना ही ताजा लगता था।

रेनाल्ड्स अपने अंतिम काल तक नियमित रूप से चित्र बनाता रहा पर सन् १७८९ तक पहुँचते पहुँचते उसकी एक आँख्स की रोशनी जात रही और उसे अपनी सर्वप्रिय चीज कला छोड़ देनी पड़ी। (रामचंद्र शुक्ल)