रुआंडा (Rwanda) स्थिति : १ से ३ द. अ. तथा २९ से ३१ पू. दे.। यह मध्य अफ्रीका के पूर्वी भाग में स्थित एक गणतंत्र है, जो १ जुलाई, १९६२ ई.को स्वतंत्र हुआ। इसके उत्तर में यूगैंडा, पूर्व में टैंगैन्यीका, दक्षिण में बरुंडी एवं पश्चिम में कांगो गणतंत्र (लियोपोल्डविल) तथा कीबू झील हैं। इसका क्षेत्रफल १०,१६६ वर्ग मील है। रुआंडा एक दर्शनीय पर्वतीय क्षेत्र है, जो अपनी स्वास्थयवर्धक जलवायु के लिए विख्यात है। इस देश के विभिन्न भागों में वार्षिक ताप का औसत लगभग १५-२३ सें. एवं औसत वर्षा ४०-७० इंच है। वर्षा फरवरी से मई तक होती है। जून से लेकर अगस्त के महीने शुष्क रहते हैं। कीबू झील एवं विरुंगा पर्वतश्रेणी मुख्य भौगोलिक आकृतियाँ हैं। अनुर्वर भूमि, असामयिक वर्षा एवं अधिक जनसंख्या के कारण अकाल का भय हमेशा बना रहता है। कृषि यहाँ का प्रमुख उद्योग है। सोयाबीन, कसावा, मक्का, मटर, मूँगफली तथा सोरघम इस देश में उत्पन्न होनेवाली मुख्य फसलें हैं। कहवा महत्वपूर्ण व्यापारिक उपज है। तंबाकू, कपास एवं चाय की भी उपज होती है। यहाँ पशुपालन होता है एवं खनन के अंतर्गत टिन, सोना एवं लिथियम धातु की खुदाई होती है, लेकिन इनपर आधारित उद्योग धंधे बिल्कुल ही नहीं है। रुमांडा में तीन जलविद्युत् केंद्र हैं। उद्योगों में शराब निर्माण का एक विशाल कारखाना है। यहाँ से कहवा का निर्यात होता है। अच्छी सड़कों का अभाव है और रेलमार्ग तो बिल्कुल है ही नहीं। वर्षा में सड़कों द्वारा गमनागमन कष्टसाध्य है। कंपाला, मांबासा, उसुंबरा और दार-ए-सलाम नगरों से आयत होता है। किगाली इस गणतंत्र की राजधानी है। बुटारे, गिसेन्यी (Gisenyii) ज्ञानगुगु (Gyangugu) और गिहराया अन्य नगर हैं। बुटारे (Butare) में उच्च न्यायालय एवं एक विश्वविद्यालयीय महाविद्यालय है। स्वाहिली, किनया रवांडा और फ्रांसीसी यहाँ की मुख्य भाषाएँ हैं। रुआंडा में रोमन कैथोलिक धर्मावलंबियों की प्रधानता है। जंगलों में पिग्मी वाटवा मिलते हैं।

किगाली के वायु अड्डे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विकसित किया जा रहा है। यहाँ उसुंबरा और कांगों के कीबू प्रदेंश के लिए वायुसेवाएँ उपलब्ध हैं। प्रशासन के लिए रुआंडा को १० विभागों तथा १४४ कम्यूनों में बाँटा गया है। (राजेंद्र प्रसाद सिंह)