राबिंसन जी. डब्लू. (Robinson, G. W.) इंग्लैंड के बहुत प्रसिद्ध भूमिरसायनज्ञ एवं वैज्ञानिक थे। उत्तरी वेल्स में बैंगार स्थित युनिवर्सिटी कालेज में ये बहुत दिनों तक कृषि रसायन के प्रोफेसर पद पर कार्य करते रहे। इन्होंने सन् १९३२ में 'सायल्स' (Soils) नामक एक पुस्तक लिखी जो अत्यंत प्रसिद्ध हुई। इस पुस्तक में भूमिविज्ञान संबंधी समस्त जानकारी को बड़े ही सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया गया है। इससे विश्व भर के भूमिरसायन तथा भूमिविज्ञान के छात्र लाभान्वित होते रहे हैं।

राबिंसन महोदय ने भूमि के वर्गीकरण के संबंध में उत्तरी वेल्स में काफी कार्य किया था, अत: इससे इन्हें जो अनुभव प्राप्त हुआ उसका उपयोग इन्होंने पुस्तक लेखन में किया। मिट्टियों के यांत्रिक वर्गीकरण की एक विधि, जिसे ''पिपेट विधि'' कहते हैं, इनके द्वारा ही चालू की गई। इसमें कुछ परिवर्धन करने के अनंतर अब यह विधि ''अंतरराष्ट्रीय पिपेट विधि'' के नाम से विख्यात है। इन्होंने मिट्टियों में पाए जाने वाले कार्बनिक पदार्थ के ऑक्सीकरण के लिए हाइड्रोजन परॉक्साइड का पहली बार सफलतापूर्वक प्रयोग किया।

इन्हें एफ. आर. एस. की उपाधि प्राप्त थी। सन् १९४४ में इन्होंने रॉथम्स्टेड के निदेशक भी पुस्तक 'सॉयल' का संशोधन भी किया। (शिवगोपाल मिश्र)