राजस्थान स्थिति : २६ ४५ उ. अ. तथा ७३ ३० पू. दे.। यह भारत का पश्चिमी राज्य है। भारत की स्वतंत्रता के पहले यह कई देशी रियासतों में बँटा था एवं राजपूताना नाम से प्रसिद्ध था। इसके उत्तर-पूर्व में हरियाना एवं उत्तर प्रदेश, दक्षिण-पूर्व में मध्य प्रदेश, दक्षिण-पश्चिम में गुजरात तथा पश्चिम में पश्चिमी पाकिस्तान स्थित है। इसका क्षेत्रफल १,३२,१५२ वर्ग मील है।

धरातल - इसके मध्य में उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिम की ओर अरावली पर्वत फैला है। इस पर्वत की ऊँचाई ४,००० से ५,००० फुट तक है। यह पर्वत माउंट आबू से दिल्ली के पास तक फैला है। इसकी ढालों पर वन हैं तथा नीची उपजाऊ घाटियों में कृषि होती है। सबसे ऊँची चोटी माउंट आबू (५,५४६ फुट) है। राज्य के उत्तरी तथा पूर्वी भाग मरुस्थली हैं। इसका पूर्वी भाग पठारी है। राजस्थान को दो भागों में बाँटा जा सकता है :

१. पश्चिमी मरुस्थली प्रदेश - यह प्रदेश अरावली के पश्चिम की ओर है। यह निचला एवं शुष्क प्रदेश है तथा यहाँ बालू की अधिकता है। इसका उत्तर पश्चिमी भाग कुछ उपजाऊ हो गया है। यहाँ के लोग भेड़, बकरियाँ तथा ऊँट पालते हैं। मकराना के पास संगमरमर पाया जाता है तथा साँभर झील से नमक बनाया जाता है।

२. पूर्वी राजस्थान - अरावली के पूर्वी भाग को पूर्वी राजस्थान कहते हैं। यहाँ की भूमि पठारी है तथा उत्तरी भाग यमुना की घाटी का एक भाग है। इस भाग में चंबल एवं बनास नदियाँ बहती हैं तथा यहाँ भूक्षरण से गहरे खड्ड बन गए हैं। यहाँ लगभग २० इंच वर्षा होती है।

जलवायु - यहाँ की जलवायु विषम तथा शुष्क है। दिन में अधिक गरमी तथा रात में ठंढक रहती है। अरावली पर्वत तथा दक्षिण-पश्चिमी मानसूनी हवाओं के समांतर होने के कारण, जलयुक्त हवाएँ यहाँ वर्षा नहीं करती हैं। गरमियों में तेज एवं गरम आँधियाँ चला करती हैं। गरमी में बंगाल की खाड़ी से आनेवाले मानसून से कुछ वर्षा होती है। वार्षिक वर्षा का औसत पूर्व में १५ से २० इंच तथा पश्चिम में १० इंच से भी कम रहता है।

कृषि - अधिकांश कृषियोग्य भूमि पूर्व में है। मक्का, गेहूँ, जौ, चना, ज्वार, बाजरा, तिलहन, कपास, मूंगफली, प्याज, लहसुन, जीरा तथा दलहनों की कृषि की जाती है। कुआँ, तालाब तथा नहरों से सिंचाई का आधुनिक स्रोत भाखड़ा एवं नंगल बाँधों से निकली नहरें हैं।

खनिज - कोयला, संगमरमर, अभ्रक, ताँबा, लोहा, जिप्सग आदि यहाँ के प्रमुख खनिज हैं। साँभर से नमक भी बनाया जाता है।

उद्योग - यहाँ के मुख्य उद्योग-धंधे, पशुओं से प्राप्त ऊन से ऊनी कंबल, दरी, कालीन आदि बनाना, कपड़ा बुनना, छपाई एवं रँगाई का काम, पत्थर का काम, बरतन बनाना आदि हैं। जयपुर में एक लोहे का कारखाना भी है, जहाँ बॉलबियरिंग आदि बनते हैं। कुटीर उद्योगों में लकड़ी एवं कागज के खिलौने, नागरा जूता, चाँदी के गोटे, जरी एवं किनारे आदि बनते हैं।

जनसंख्या - राजस्थान की जनसंख्या २,०१,५५,६०२ (सन् १९६१) है। यहाँ के मुख्य नगर कोटा, बूँदी, जोधपुर, जयपुर, बीकानेर, उदयपुर आदि हैं। यहाँ अधिकतर हिंदू रहते हैं। इनके अतिरिक्त मुसलमान, ईसाई तथा झील आदि भी रहते हैं। यहाँ की मुख्य भाषा हिंदी है। १५.२ प्रति शत लोग साक्षर हैं। जयपुर राज्य की राजधानी है। (सु. चं. श.)