रसेल, लार्ड विलियम इसका जन्म सितंबर १६३९, में हुआ था। ये बैडफोर्ड के पाँचवें अर्ल के तीसरे पुत्र थे। शिक्षा कें्व्राज में प्राप्त की। टैविस्टाक से वे लोकसभा के सदस्य निर्वाचित हुए। सन् १६६९ में साउथेंपटन के अर्ल कीपुत्री से विवाह करने के कारण विलियम रसेल को उस मुकदमे से मुक्ति मिली जो ऋण इत्यादि के लिए न्यायालय ने उनपर चलाया था। सन् १६७४ में उन्होंने क्लैरेंडन मंत्रिमंडल के कार्यों का खंडन किया। रसेल ने फ्रांस से घूस लेनेवाले देशद्रोही मंत्रियों का विरोध किया। यार्क के ड्यूक को सरकार विरोधी बतलाकर अपना शत्रु बना लिया। हाउस ऑफ लार्ड्स में एक्सक्लूज़न बिल प्रस्तुत कर उसे पारित कराने का दुराग्रह किया। राई हाउस षड्यंत्र में भाग लेने के कारण एसेक्स तथा सिडनी के साथ लार्ड रसेल भी बंदी बना लिए गए। राजद्रोह के अपराध में न्यायालय ने उनको दोषी सिद्ध किया। २१ जुलाई, १६८३ को उन्हें प्राणदंड दिया गया। (लालजी सिंह)