रविवार सात दिनों के सप्ताह की कल्पना का मूल फलित ज्योतिष है। प्राचीन काल में बैविलोनियावासियों ने महीने को पाँच दिनों के छह भागों में और ग्रीक तथा अन्य लोगों ने दशाहों में विभक्त किया था। मध्य अमरीका की प्राचीन माया जाति बीस दिनों का भाग मानती थी। फलित ज्योतिष के अनुसार सप्ताह का प्रत्येक दिन किसी न किसी ग्रहदेवता से संबद्ध है और मनुष्य का भाग्य उन्हीं देवताओं पर निर्भर है। उन दिनों लोग सूर्य और चंद्र को भी ग्रह मानते थे और बुध, शुक्र, मंगल, बृहस्पति तथा शनि ग्रहों से परिचित थे। अत: उन्होंने सात ग्रहदेवताओं से संबद्ध सात दिनों का सप्ताह निर्धारित किया, जिसका प्रचलन पहले ईरान, मिस्र, फिलस्तीन, यूनान और रोम में था और बाद में समस्त विश्व में हो गया। कुछ देशों में दिनों के नाम बदल गए हैं, पर उनके पीछे भाव वे ही थे। पीछे ईसाइयों ने बैविलोन और मिस्रवासियों से भाव लेकर रविवार को विश्राम और प्रार्थना का दिवस निश्चित किया। (मंजुला मणिभाई पटेल)