रमेशचंद्र दत्त (१८४८-१९०९) - प्रसिद्ध प्रशासक, इतिहासज्ञ तथा लेखक। इनका जन्म कोलकाता में हुआ। सन् १८६८ में ये आइ.सी.एस. की परीक्षा देने के लिए इंग्लैंड गए तथा १८६९ में इस परीक्षा में तीसरा स्थान पाकर उत्तीर्ण हुए। सन् १८७१ में ये भारत वापस आए। इन्होंने अपने इन तीन वर्षो के इंग्लैंड प्रवास के विषय में एक पुस्तक 'थ्री ईयर्स इन इंग्लैड' लिखी। भारत आने के बाद इन्होंने अनेक प्रशासनिक पदों का कार्यभार सँभाला तथा उड़ीसा के कमिश्नर एवं पोलिटिकल एजेंट, बड़ौदा के दीवान और रॉयल कमीशन के सदस्य रहे।
सन् १८९७ से १९०४ तक ये लंदन विश्वविद्यालय में भारतीय इतिहास के प्राध्यापक रहे।
इनकी विलक्षण प्रतिभा केवल प्रशासनिक कार्यों तक ही सीमित नहीं थी, वरन् ये मौलिक लेखक तथा इतिहासज्ञ भी थे। अपने लेखनकाल के आरंभ में इन्होंने अंग्रेजी में लिखा, पर बाद में बंकिमचंद्र के प्रभाव से बँगला में भी रचना की। इनके मुख्य ग्रंथ निम्नलिखित हैं :
१.����� ए हिस्ट्री ऑव सिविलिजेशन इन एंशेंट इंडिया (तीन खंड);
२.����� लेटर हिंदू सिविलिजेशन;
३.����� इकानामिक हिस्ट्री ऑव ब्रिटिश इंडिया;
४.����� इंडियंस इन दि विक्टोरियन एज;
५.����� ए हिस्ट्री ऑव दि लिटरेचर ऑव बंगाल;
६.����� दि महाभारत ऐंड दि रामायण;
७.����� लेज़ ऑव एंशेंट इंडियांय;
८.����� ग्रेट एपिक्स ऑव एंशेंट इंडिया;
९.����� शिवाजी (अंग्रेजी और बँगला);
१०.� लेक ऑफ पाम्स;
११.� दि स्लेव गर्ल ऑफ आगरा;
१२.� थ्री ईयर्स इन इंग्लैंड;
१३.� दि पेजैंट्री आफव बंगाल;
१४.� ऋग्वेद (बँगला अनुवाद);
१५.� इंग्लैड ऐंड इंडिया; (ब्रजमोहन पांडे)