रंतिदेव राजा संकृति के पुत्र सांकृत्य गोत्रीय, भरतवंशीय सम्राट् जिनकी विस्तृत कथा श्रीमद्भागवत में मिलती है (महा.शांति. २९/११३) ये परम धार्मिक, यज्ञकर्ता, दानवीर के रूप में प्रसिद्ध हैं। कहते हैं, इन्होंने इतने यज्ञ किए कि इनके यज्ञीय पशुओं की रक्तधारा से एक नदी चर्मण्यवती बन गई जो चंबल से अभिन्न मानी जाती है। (रामज्ञा द्विवेदी.)